कांग्रेस का अराष्ट्रीय चेहरा

कांग्रेस के मूल स्वभाव और चरित्र को समझे बिना वर्तमान राजनीति के पतन का विश्लेषण संभव नहीं। विडंबना यह है कि कांग्रेस के सत्ता केंद्रित अहंकारी स्वभाव का प्रसार भारत की राजनीति में घर कर चुका है। सत्ता के लिए किसी भी सीमा तक जाना तथा राजनीति में वोट लाभ के लिए अनुपयोगी जनकल्याण को छोड़ देना इसका स्वभाव बन गया है। सत्ता की आतुरता और संघर्ष से घबराहट के कारण ही कांग्रेस ने 1947 में पाकिस्तान का प्रस्ताव स्वीकार करके भारत का विभाजन कराया। पचास के दशक में चीन के हाथ तिब्बत खोया और 1.25 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि चीन तथा पाकिस्तान के कब्जे में जाने दी। लेडी एडविना माउंटबेटन के प्रभाव में नेहरू कश्मीर का मामला सरदार पटेल की सहमति के बिना राष्ट्रसंघ में ले गए जिस कारण धारा 370 का ऐसा संवैधानिक विधान लागू करवाया जो बाद में अलगाववाद तथा आतंकवाद के पोषण का सबसे बड़ा कारण बन गया। कांग्रेस की इसी सत्ताभोगी मानसिकता के कारण 1962 में चीन का हमला हुआ। 1965 में हम जीतकर भी हारे तो 1971 में इंदिरा गांधी को मिले अभूतपूर्व सर्वदलीय प्रशंसा और समर्थन के बावजूद शिमला समझौते में हम कश्मीर का मसला निर्णायक तौर पर हल नहीं कर सके। हालांकि उस समय पाकिस्तान की गर्दन हमारे हाथों में थी। इसी कारण उस समय वरिष्ठ कवि सोम ठाकुर ने लिखा था- इतिहास लिखा था खून से जो स्याही से काट दिया हमने। संप्रग-1 2 के दौरान कांग्रेस ने सच्चर समिति से लेकर हज यात्रियों के लिए जरूरी पासपोर्ट तक में पुलिस जांच की जरूरत खत्म करके सामाजिक खाई पैदा करने का प्रयास किया है जिसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। आम जनता प्राय: इतिहास को जल्दी भुला देती है। कांग्रेस कितनी निर्मम और संवेदनहीन हो सकती है इसका सबसे भयानक उदाहरण यदि 1975 में लागू आपातकाल है तो ताजा उदाहरण सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा निषेध विधेयक है। यह विधेयक कांग्रेस के विकृत एवं हिंदू विरोधी अराष्ट्रीय चरित्र का सबसे निकृष्ट उदाहरण है। इस विधेयक द्वारा केवल हिंदुओं को आक्रामक और अपराधी वर्ग में ला खड़ा करने, बल्कि हिंदू-मुस्लिमों के बीच शत्रुता पैदा कर हर गली-कस्बे में दंगे करवाने की साजिश है। यदि यह औरंगजेबी फरमान कानून की शक्ल लेता है तो किसी भी हिंदू पर कोई भी मुस्लिम नफरत फैलाने, हमला करने, साजिश करने अथवा नफरत फैलाने के लिए आर्थिक मदद देने या शत्रुता का भाव फैलाने के नाम पर मुकदमा दर्ज करवा सकेगा और उस बेचारे हिंदू को इस कानून के तहत कभी शिकायतकर्ता मुसलमान की पहचान तक का हक नहीं होगा। इसके अलावा शिकायतकर्ता मुसलमान अपने घर बैठे शिकायत दर्ज करवा सकेगा। इसी प्रकार यौन शोषण यौन अपराध के मामले भी केवल और केवल मुस्लिम (जिसे विधेयक में अल्पसंख्यक वर्ग के अंतर्गत समूह नाम से परिभाषित किया गया है) हिंदू के विरुद्ध दर्ज करवा सकेगा और ये सभी मामले अनुसूचित जाति और जनजाति पर किए जाने वाले अपराधों के साथ समानांतर चलाए जाएंगे। इसका मतलब है कि संबंधित हिंदू व्यक्ति को कभी यह नहीं बताया जाएगा कि उसके खिलाफ शिकायत किसने दर्ज कराई है? इसके अलावा उसे एक ही तथाकथित अपराध के लिए दो बार दो अलग-अलग कानूनों के तहत दंडित किया जाएगा। यही नहीं, यह विधेयक पुलिस और सैनिक अफसरों के विरुद्ध उसी तरह बर्ताव करता है जिस तरह से कश्मीरी आतंकवादी और आइएसआइ उनके खिलाफ रुख अपनाते हैं। विधेयक में समूह यानी मुस्लिम के विरुद्ध किसी भी हमले या दंगे के समय यदि पुलिस, र्द्धसैनिक बल अथवा सेना तुरंत और प्रभावी ढंग से स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त नहीं करती तो उस बल के नियंत्रणकर्ता अथवा प्रमुख के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में मुकदमे चलाए जाएंगे। कुल मिलाकर हर स्थिति में पुलिस या र्द्धसैनिक बल के अफसरों को कठघरे में खड़ा होना होगा, क्योंकि स्थिति पर नियंत्रण जैसी परिस्थिति किसी भी ढंग से परिभाषित की जा सकती है। न्यायविद जेएस वर्मा और बीएल श्रीकृष्ण ने भी इस विधेयक को एकतरफा झुकाव वाला, केंद्र एवं राज्यों में अफसरशाही निर्मित करने वाला और केंद्र-राज्य संबंधों में नकारात्मक असर डालने वाला बताया है। इस विधेयक को बनाने वालों ने सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए जिस सात सदस्यीय समिति के गठन की सिफारिश की है, उसमें चार सदस्य मजहबी अल्पसंख्यक होंगे। विधेयक मानकर चलता है कि यदि समिति में अल्पसंख्यकों यानी मुसलमानों का बहुमत नहीं होगा तो समिति न्याय नहीं कर सकेगी। अपेक्षा है कि ये सात सदस्य किसी भी सांप्रदायिक हिंसा को रोकेंगे, जांच पर नजर रखेंगे, आपराधिक मुकदमों, पेशियों, राहत कार्यो तथा पुनर्वास को अपनी देखरेख में चलाएंगे। आखिर ये सात सदस्य होंगे या फरिश्ते अथवा फिर आपातकाल के दारोगा? (लेखक राज्यसभा के सदस्य हैं)

The Place Where Indian Army Officers are Made !!! "INDIAN MILITARY ACADEMY"








Finally One Good News !!! Supreme Court appoints investigation team headed by retd judge to probe black money

NEW DELHI: The Supreme Court on Monday appointed Special Investigation Team (SIT) headed by a former SC judge to probe black money issue. Former SC judges - Justice B P Jeevan Reddy and Justice M B Shah - will be the chairman and vice-chairman of the SIT. The team will also include chiefs of the Intelligence Bureau (IB) and Research and Analysis Wing (RAW). The SIT will file first status report in the third week of August.

The apex court slammed the government for its lethargy in getting the black money back. The court asked the government to disclose names of foreign bank holders against whom I-T proceedings have been concluded. It also told the government that it could not have agreed with other countries under double taxation avoidance treaty not to disclose names of foreign bank account holders who have deposited illicit money abroad.

The Supreme Court also severely criticized the government's delay in probing black money, Hasan Ali Khan and others and said this was not only against the constitutional mandate but also akin to putting national security in danger. 

Jallianwala Bagh Massacre !!!

The Holes on The Wall Are due to the Bullets fired by General Dyer Armymen
The old building around Jallianwala Bagh



The Bullet Marks enclosed by White square





Amar Jyoti







Jallianwala Bagh










How many and who are the cricketers in this photo ??? Can You Guess ???


The Brutal nature of Police...Lathi Charge on Human Rights !!!

Indian police officers remove supporters from a site where renowned yoga guru Baba Ramdev was holding a hunger strike in New Delhi...


A helpless man being Lathicharged by 3 Policemen


Indian policewomen arrest an activist of The Communist Party India-Marxist (CPIM) during a protest in Hyderabad, The protestors were demanding land reforms in the southern state of Andhra Pradesh after talks between party officials and state legislators to allocate land to impoverished families remained inconclusive.


Thats the height of Brutality !!!


This is the photo of recent Ramlila Maidan Lathicharge !!!


Himachal police lathi charged on Parent-Teachers' Association (PTA),during protest at Secretariat in Shimla.


Brutalitu at its height !!!


Limits crossed !!


lathis being raised on defenceless women..


Some Delightful Refreshing Drinks

Aam Panna (Raw Mango Drink)

                       
   Sweet Lassi

                                                                     
Namkin Lassi.


Mango Juice


Watermelon Juice


Jaljira

Ganne Ka Raas (Sugar Cane Juice)


Amla Sherbat


Nimbu Sharbat


Pomegranate Juice


Sweet Lime Juice


Orange Juice


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